कैलिस्टो जुपिटर का चौथा चन्द्रमा 


कैलिस्टो हमारे सौरमंडल में मौजूद जुपिटर ग्रह का एक चंद्रमा (उपग्रह) है | इसकी खोज 7 जनवरी 1610 को गैलीलियो गैलीली ने की थी , जो उनके द्वारा खोजा गया जुपिटर का चौथा उपग्रह था | यह हमारे सौरमंडल का तीसरा सबसे बड़ा उपग्रह है , जिसका व्यास 4800 किमी है |

यह आकार में तकरीबन बुध ग्रह के बराबर है | यह गैलिलियाई  उपग्रहों में सबसे बाहरी उपग्रह है जो जुपिटर से 1,880,000 किमी दूरी पर एक कक्षा में स्थित रहते हुए परिक्रमा करता है | मुख्यता: चट्टानों व बर्फ से मिलकर बने इस उपग्रह का घनत्व 1.86 ग्राम प्रति वर्गसेमी है | इसकी सतह पर जलिय बर्फ , कार्बन डाइऑक्साइड , सिलिकेट्स के अलावा कुछ कार्बनिक यौगिकों के निशान मिले हैं |

गैलिलियाई  उपग्रहों इसकि सतह सबसे ज्यादा काली है | हालांकि यह हमारे चंद्रमा के मुकाबले 2 गुना ज्यादा चमकीला है | यह  सौरमंडल का सर्वाधिक गर्तो वाला निकाय है , जिसकी सतह पर किसी तरह की भूगर्भीय हलचले नहीं देखी गई | इस उपग्रह का नाम एक ग्रीक पौराणिक पात्र कैलिस्टो के नाम पर रखा गया | ग्रीक मान्यताओ के मुताबिक़ कैलिस्टो एक परी थी , जो ग्रीक - देवता ज्यूस से प्रेम करती थी | ज्यूस ने उसे अपनी पत्नी हेरा की निगाहों से बचाने के लिए भालू बनाकर आकाश में तारो के बीच स्थापित कर दिया | 

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