मलय प्रायद्धिप में बसी एक आदिवासी प्रजाति
सेमांग लोग विषुवतरेखीय उष्णार्द्र जलवायु की पेटी में मलय प्रायद्वीप के पर्वतीय इलाकों में निवास करते हैं | नीग्रो प्रजाति से संबंधित सेमांग लोगों का निवास उत्तरी पेराक, कोडाह , कालीमंतन, केलांतन , ट्रेनाग , तथा पिहांग क्षेत्रों में पाया जाता है | इनके द्वारा कृषि एवं पशुपालन का कार्य नहीं किया जाता है क्योंकि भौतिक उच्चावचन एवं जलवायविक दशाए इनके अनुकूल नहीं है
सेमांग लोगों का निवास पर्वतीय गुफाओं अथवा किसी खुले स्थान पर बनाई गई लकड़ी एवं घास- फूस की झोपड़ी में होता है | इनकी झोपड़ियो बांस एवं ताड़ के पत्तों की बनी होती है प्रायः इनका भोजन शाकाहारी ही होता है| जिनमें जंगली कंद -मूल- फल आदि शामिल होते हैं | इनके अभाव में ही ये लोग मछलियां पकड़ते अथवा शिकार करते हैं
सेमांग युवक एवं युवतियां अपने प्रिय भोज्य पदार्थों को कुछ दिनों के लिए बारी-बारी से तब तक त्यागते हैं | जब तक कि वे पूर्ण युवा ना हो जाए | इस व्रत को भंग करने वाले को दंड मिलता है | इस वर्त का मूल उद्देश्य बच्चों, वर्द्धो व प्रौढो को पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराना है | इनके वस्त्र वृक्ष की पत्तियों व छालो के बने होते हैं सामाजिक द्रष्टि से ये समूहो में रहते हैं, जिनका अपना विशेष क्षेत्र होता है | ये शिकार करने एवं जंगली वर्क्षो के फल तथा जडे प्राप्त करने के लिए दूसरे समूह के क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं |
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